Posts

डॉलर सुप्रीमेसी को चुनौती

  जब दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हुआ तो अमेरिका के पास 22000 टन सोना जमा हो चुका था। स्वाभाविक था कि यूरोपीय देशो ने सोना बेचकर उससे हथियार खरीदे थे। युद्ध के बाद वाशिंगटन मे सभी देशो की मीटिंग हुई और यही समस्या रखी गयी कि किस मुद्रा मे व्यापार करें...? क्योंकि ब्रिटिश पाउंड की स्थिति खराब थी। तब अमेरिका ने कहा कि डॉलर मे लेन देन करो। भारत चीन को डॉलर देगा, चीन चाहे तो इस डॉलर को आगे प्रयोग करें या फिर अमेरिका को देकर सोना ले जाए क्योंकि अमेरिका के पास सोने की कमी नहीं थी। 28 ग्राम सोने के बदले 35 डॉलर का मूल्य तय हुआ। इस तरह सभी देश खुश हो गए और डॉलर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बन गया। अमेरिका पर भी दबाव था कि ज्यादा डॉलर ना छापे अन्यथा उतना गोल्ड कहाँ से लाएगा? 1960 मे सोने के भाव मे बढ़ोत्तरी हुई, 28 ग्राम सोना 40 डॉलर तक पहुँच गया। ऐसे मे लोग 35 डॉलर मे अमेरिका से गोल्ड खरीदते फिर 40 डॉलर मे लंदन के गोल्ड एक्सचेंज पर बेच देते। उस समय ब्रिटेन को लोन चाहिए था इसलिए अमेरिका ने ब्रिटेन के मुँह मे पैसे भरकर यह मार्केट ही बंद करवा दिया। यही कारण है कि आज भी दोनों के रिश्ते अटूट है क्योंकि मज़ब...

Communist Revolution 2

  Communist Revolution 2   From Barrel of a Gun to Termites Experiments by Lenin and Stalin had shown that communist economic policies lead to nothing but disaster. It had dawned on the communists that the bloody revolution through the barrels of a gun, as predicted by Marx, was no more a possibility. The Berlin wall was the biggest symbol of communism’s failure. Thousands of East Germans on one side of the wall, used to defy search towers, barbed wires, Sten gun wielding guards, trained dog squads… to escape to the west. They were willing to risk their lives to run away from the Communist Utopia in the East to the Capitalist Exploitation of the West. Communism needed fresh ideas and new strategies to fulfil its ambition of global control. Since the canons of revolution could not destroy the impregnable walls of western democracy and capitalism, a strategy was created to bring them down with the help of internal enemies, who would keep gnawing at them like Termites. Th...

साम्यवादी क्रांति 2

  साम्यवादी क्रांति 2   बंदूक की नली से दीमक तक लेनिन और स्टालिन के प्रयोगों ने दिखाया था कि साम्यवादी आर्थिक नीतियों से सिर्फ़ तबाही ही होती है। साम्यवादियों को यह एहसास हो गया था कि मार्क्स द्वारा भविष्यवाणी की गई बंदूक की नली से खूनी क्रांति अब संभव नहीं है। बर्लिन की दीवार साम्यवाद की विफलता का सबसे बड़ा प्रतीक थी। दीवार के एक तरफ़ हज़ारों पूर्वी जर्मन , सर्च टावर , कंटीले तारों , स्टेन गन से लैस गार्ड , प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड को धता बताते हुए पश्चिम की ओर भागने के लिए इस्तेमाल किए गए थे। वे पूर्व में साम्यवादी यूटोपिया से पश्चिम के पूंजीवादी शोषण की ओर भागने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को तैयार थे। साम्यवाद को वैश्विक नियंत्रण की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए नए विचारों और नई रणनीतियों की आवश्यकता थी। चूँकि क्रांति के सिद्धांत पश्चिमी लोकतंत्र और पूंजीवाद की अभेद्य दीवारों को नष्ट नहीं कर सकते थे , इसलिए उन्हें आंतरिक दुश्मनों की मदद से गिराने की रणनीति बनाई गई , जो उन्हें दीमक की तरह कुतरते रहेंगे। पश्चिम का यह पतन धीरे-धीरे होगा , उनके सत्ता केंद्रो...