Posts

Showing posts from September, 2020

बदहाल शिक्षा व्यवस्था

  आज एक समाचार पढ़ा | महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय अजमेर के कुलपति घूस लेते हुए गिरफ्तार हुए| वे एक विश्वविद्यालय के मुखिया थे जिसमें हजारों विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं| सुबह वे उस सेमिनार में सम्मिलित थे जिसमें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नई शिक्षा नीति पर विमर्श कर रहे थे और सायं काल वे घूस लेते हुए गिरफ्तार हो जाते हैं| यह आश्चर्य का विषय नहीं है, लेकिन उन लोगों के लिए चिंता का विषय अवश्य होना चाहिए जो नई शिक्षा नीति से बहुत आश लगाये बैठे हैं| शिक्षा नीति अच्छी है या बुर ी है इसका क्या अर्थ है, जब उस शिक्षा नीति को क्रियान्वित करने का दायित्व ऐसे ही लोगों के पास हो ? मूल प्रश्न तो यह है कि आज की शिक्षा का व्यक्तिशः नहीं अपितु समग्रता में उद्देश्य क्या है? श्रद्धेय अशोक सिंहल जी सदैव एक बात कहा करते थे "हमें ऐसे छात्रों और शिक्षकों की आवश्यकता है जो कैरियरिस्ट न हों अपितु मिशनरी हों, उनके जीवन का एक आदर्श हो, एक श्रेष्ठ उद्देश्य हो| यदि हमारी शिक्षा कोई आदर्श नहीं खड़ी कर पाती है तो वह निरर्थक है|" क्या आज की शिक्षा कोई आदर्श खड़ा करती है? शिक्षा जगत में आज की शिक्षा के तीन