देश के दीमक

 विचार करने वाली बात है कि क्या रूपयों के पेड़ लग गये है?


देश मे कहीं भी चले जाइए, किसी भी सड़क पर, सभी जगह काम चल रहा है! पुरानी सड़क चौड़ी हो रही है, नई सड़क बन रही है, 2 Lane वाली 4 lane हो रही है!


नए Expressway बनाये जा रहे हैं। शहरों में flyover बन रहे हैं! शायद ही कोई रेलवे स्टेशन ऐसा होगा, जहां काम न लगा हो!


नई रेलवे लाइनें बिछ रही हैं।  जो single Track थे, उनको Double और Electrify किया जा रहा है!


देश मे 4 तो नए DFC, बोले तो Dedicated Freight Corridor, बोले तो वो नई रेल लाइन बनाई जा रही हैं, जिन पर केवल मालगाड़ियां दौड़ेंगी!


देश की जितनी भी Unmanned Railway Crossing बोले तो मानव रहित रेलवे फाटक थे उनके नीचे से अंडरपास बनाये जा रहे हैं!


सन 2024 तक पूरे देश मे हर घर में नल से पानी (कम से कम 55 लीटर पानी, प्रतिव्यक्ति, प्रतिदिन) देने की जोरदार तैयारियां चल रही है!


कई गीगावाट सोलर पॉवर की तैयारी है। भविष्य में फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी के लिए हाइड्रोजन को एक डॉलर प्रति किलो से नीचे बेचने की तैयारी चल रही है!


सेना को आधुनिक बनाने के लिए हर हफ्ते नई मिसाइल का परीक्षण, एक से बढ़कर एक आधुनिक हथियारों की खरीदारी और आगे उनको देश में ही बनाने का जुनून भी सर पर हावी है!


100 से भी अधिक शहरों में तो स्मार्ट सिटी का ही निर्माण कार्य चल रहा है!


"नमामि गंगे" में ही गंगा और उनकी सभी सहायक नदियों के किनारे बसे शहरों में बड़े बड़े गहरे सीवर पाइप लाइन बिछा के Sewage Treatment Plants बनाये जा रहे हैं! बनारस का Sewage Treatment Plant बनारस से 30 Km दूर 30 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है!


पूरे बनारस शहर का Sewage वहां पाइप लाइन से जाएगा और ट्रीट हो के, उस पानी को कृषि कार्यों में उपयोग होगा, ये सैकड़ों करोड़ का प्रोजेक्ट है, और ऐसे ही Sewage Treatment Plants लगभग हर शहर कस्बे में बन रहे हैं!


भारत माला, सागर माला, चार धाम ऑल वेदर रोड, पूरे चीन बॉर्डर पर ऑल वेदर रोड्स, बिल्कुल नया दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे  जैसे वृहद प्रोजेक्ट्स पर कार्य चल रहा है!


Bullet Train प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।


देश मे 100 से अधिक Airports और हवाई पट्टी अपग्रेड की जा रही हैं!


देश मे 5 करोड़ शौचालय, और 1 करोड़ मकान बन गए "प्रधान मंत्री आवास योजना" में!


ये जो हमने काम गिनाए, ये देश मे समानांतर चल रहे कुल विकास और निर्माण कार्यों का 1% भी नही है!


गांव गिरांव में आके देखिये, एक जेसीबी खाली नही है। सब किसी न किसी हाईवे निर्माण में लगी है!


अब मुझे यह समझ में नही आ रहा, कि ये जो देश भर में इतना निर्माण कार्य चल रहा है, इसे बना कौन रहा है ? ये सब काम कर कौन रहा है ?


अलादीन का चिराग, और उसका जिन्न हाथ आ गया है क्या ?


विपक्ष और प्रेस्टीट्यूट मीडिया कहता है, कि सरकार रोज़गार देने में विफल रही...


आखिर ये सब निर्माण कार्य करने वाले कामगार जापान से आये हैं, या सिंगापुर से ?


सड़क पर काम मे लगी जेसीबी कौन चला रहा है ? अडानी या अम्बानी ?


रोज़गार कहते किसे हैं ? 


क्या केवल सरकारी नौकरी को ?

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