डिजिटल स्वास्थ्य सेवा

 ₹5 ट्रिलियन वेलनेस हेल्थकेयर भारत में धूम मचाने का इंतज़ार

हर मिनट, 3 भारतीय ऑनलाइन डॉक्टर बुक करते हैं।

पिछले महीने, एक छोटे से क्लिनिक में, मैंने कुछ ऐसा देखा जो मेरे ज़ेहन में बस गया।

एक मरीज़ एक सस्ते स्मार्टफोन के साथ आई।

वह अपने डॉक्टर से व्यक्तिगत रूप से नहीं, बल्कि स्क्रीन पर मिली।

उसकी रिपोर्ट तुरंत अपलोड हो गई, नुस्खे डिजिटल रूप से तैयार हो गए, और फ़ॉलो-अप अपने आप शेड्यूल हो गया।

उसके लिए, डिजिटल स्वास्थ्य सुविधा नहीं, बल्कि पहुँच थी।

लेकिन सच्चाई यह है कि भारत की 70% स्वास्थ्य सेवा अभी भी ऑफ़लाइन होती है।

यह कोई अंतर नहीं है।

यह ₹5 ट्रिलियन का अवसर है।

क्योंकि भारत की डिजिटल स्वास्थ्य क्रांति सिर्फ़ ऐप्स या पहनने योग्य उपकरणों तक सीमित नहीं है, बल्कि बड़े शहरों से बाहर 80 करोड़ लोगों के लिए डायग्नोस्टिक्स, डेटा और डॉक्टरों को एक साथ लाने के बारे में है।

हाइब्रिड स्वास्थ्य बूम

प्रैक्टो, 1एमजी, फार्मेसी जैसी कंपनियों ने डिजिटल परामर्श पर भरोसा करना संभव बनाया।

अगली लहर देखभाल को पूर्वानुमानित और निवारक बना रही है।

एआई डायग्नोस्टिक्स जो खांसी से टीबी का पता लगाते हैं।

नर्सों द्वारा संचालित ग्रामीण ई-क्लिनिक, जो शहर के अस्पतालों से जुड़े हैं।

पहनने योग्य उपकरण जो डॉक्टरों के साथ वास्तविक समय में महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हैं।

डिजिटल स्वास्थ्य पर खर्च किया गया प्रत्येक ₹1, यात्रा, समय और आय हानि में ₹4 बचाता है।

यह समावेशन है जिसे आप माप सकते हैं।

यह क्षण क्यों महत्वपूर्ण है

भारत का स्वास्थ्य सेवा बाजार 2030 तक 372 बिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।

डिजिटल स्वास्थ्य की पहुँच साल-दर-साल 35% बढ़ रही है।

एनडीएचएम (आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन) एक एकीकृत डिजिटल रिकॉर्ड प्रणाली की रीढ़ तैयार कर रहा है।

प्रत्येक ऑनलाइन क्लिनिक, डायग्नोस्टिक स्टार्टअप, या एआई ट्राइएज टूल न केवल जीडीपी, बल्कि गरिमा भी बढ़ाता है।

क्योंकि स्वास्थ्य सेवा आखिरकार आपके रहने की जगह से हटकर आपके जुड़ाव पर केंद्रित हो रही है।

अगर आप ग्रामीण टेलीमेडिसिन से लेकर एआई डायग्नोस्टिक्स तक डिजिटल स्वास्थ्य का निर्माण कर रहे हैं, तो आज आपके सामने सबसे बड़ी बाधा क्या है?

आइए इस बारे में बातचीत शुरू करें कि स्वास्थ्य सेवा को वास्तव में समावेशी बनाने के लिए क्या ज़रूरी है।

याद रखें कि हम सिर्फ़ एक पीढ़ी में ही स्वास्थ्य सेवा में यह बदलाव देख रहे हैं।

Comments

Popular posts from this blog

वैचारिक सम्भ्रम की ताक़त

वामपंथी विचारधारा की जड़ और शाखा को समझना

परम वैभव की संकल्पना