कूटनीति
कूटनीतिक युद्ध कितनी "खतरनाक" हो सकती है ? आपलोग वर्तमान की परिपेक्ष्य में इजरायल को देख सकते हैं.. अमेरिका ने, रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस को 'व्यस्त' रखा !!और रूस ने भी
जबर्दस्त "कूटनीतिक दाव" खेलकर, इजरायल-हमास युद्ध में अमेरिका को व्यस्त रहने के लिए मजबूर कर दिया !? और इन दो"महाशक्तियों" की कूटनीतिक युद्ध में, कोल्हू रूपी घानी में पीस रहे हैं यूक्रेन और इजरायल. यहां पे यूक्रेन और इजरायल के बीचसमानता करना जमीन आसमान की फर्क है !! लेकिन
इस बिसात की मोहरे, हमास और यूक्रेन में काफी सामंजस्य है रूस और उसके सहयोगी,अपने बिछाए हुए बिसात' पर, अब चौके छक्केजड़ना प्रारंभ कर दिया है !! वर्तमान यूक्रेन भयंकर आर्थिक और सामरिक संकटों का 'सामना' कर रहा है ! USA और NATO जो"आर्थिक और सामरिक" सहायता यूक्रेन को दे रहे थे, वह अब इजरायल की ओर मुड़ गए हैं. इजरायल पर अब NATO देशों का नज़रहै, न की यूक्रेन पर. पहले जितना आर्थिक व सामरिक सहायता 'यूक्रेन' को दिए जा रहे थे, उसमें भारी-भरकम 'गिरावट' आई है. रसियाऔर उसके साथियों के द्वारा किए कराए इस चक्रव्यूह फंसकर यूक्रेन छटपटा रहा है. और इसी मौके का फायदा उठाकर रूस यूक्रेन परताबड़तोड़ हमला शुरू कर दिया है खबर के मुताबिक यूक्रेन के सैनिक हथियारों के अभाव में रूस को डिफेंड नहीं कर पा रहे हैं औरसैनिक मारे गए हैं, और वह धीरे-धीरे पिछे भी हट रहे हैं. ओर इसी Frustration में, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की अपनीमानसिक स्थिरता खो दी है और वह अब ब्रिटेन के एक मनोचिकित्सक से चिकित्सीत हो रहे हैं,उन्हें रात को नींद नहीं आती है और वहबिना वजह 'चिल्लाने' लग जाते है. खबर के मुताबिक, 3 दिन पहले उन्होंने खुद को 'नुकसान' पहुंचाने की कोशिश की थी.
अब आपलोग समझिए की, वैश्विक कूटनीति कितनी भयंकर है, जिसमें भारत एक "गेम प्लानर" की 'भूमिका' निभा रहा है भारत सभीदेशों के साथ है, परंतु किसी के साथ नहीं है. इस तरह के कूटनीति वैश्विक स्तर पर खेलना कोई छोटी बात नहीं है. भारत वैश्विक ध्रुवपर अपनी "कूटनीतिक महारत" से सभी महाशक्तियों के साथ "बैलेंस करके" चल रहा है !!इसके लिए भारत को कुछ देशों की"आलोचना' भी झेलनी पड़ी है. इसमें भी भारत उन देशो को, उनकी "पिछली और वर्तमान' में किए गए कारनामों की गुत्थी को खोलकरउनको जबाव दिया।
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