Law of Wasted Efforts

 Law of Wasted Efforts


दुनिया में अधिकतर कर्म, व्यर्थ के कर्म होते है पूरी प्रकृति व्यर्थ के काम करती है।

80% बारिश समुद्र के ऊपर होती है।

80% समय शेर के शिकार के प्रयास व्यर्थ होते है।

मधुमक्खी शहद बनाने मे लगी रहती है, जिसका 5% भी उपयोग वो नहीं कर पाती। चीटी पूरी जिंदगी भोजन जमा करती है, पर 10% भी उसका खा नहीं पाती।

मनुष्य जितना भोजन करता है उसका शरीर उसका 85% सुबह बाहर फेक देता है।

जितनी पढ़ाई स्कूल कॉलेज मे की उसमे से 90% काम नहीं आती।

पेड़ इसलिए फल देता है, ताकी फल के बीज इधर उधर फैले और उस से और पेड़ बने, पर 1% बीज भी पेड़ नहीं बन पाते।

अधिकतर फिल्मे 80% से भी ज्यादा फ्लॉप होती है।

अधिकतर लिखी हुई किताबे रद्दी ही बनती है।

अधिकतर ग्राहक दुकान से कुछ नहीं खरीदते सिर्फ देखते है।

अधिकतर वैज्ञानिक प्रयोग विफल होते है।


सब कुछ व्यर्थ ही होता है, पर इस व्यर्थ से कुछ अंश से बहुत कुछ दुनिया मे होता रहता है।


99.9% स्पर्म मारे जाते है, फिर भी दुनिया मे अरबों मनुष्य है।

90% वैज्ञानिक प्रयोग विफल होने के बाद भी, दुनिया मे इतनी तरक्की है।

अधिकतर पढ़ाई काम की नहीं होती, फिर भी कुछ से करिअर बन जाता है। 

अधिकतर बारिश जमीन पर न होने के कारण ही, समुद्र मे नमक का स्तर सही रहता है, वरना ज्यादा सेलिनिटी से धरती मे जीवन ही खतम हो जाए।

पेड़ों के व्यर्थ के फल देने से, हमे फल मिलते है।

चीटी कीड़े मकड़ों को व्यर्थ के प्रयास के कारण, जमीन की मिट्टी उलट पुलट होके उपजाऊ रहती है।

गिलहरी के व्यर्थ के प्रयास से, लाखों पेड़ लग जाते है।

अधिकतर मेरे पोस्ट भी व्यर्थ होते है, पर कुछ के कारण कई की सोच मे परिवर्तन भी आता है।

अधिकतर स्टॉक से बड़ा पैसा नहीं बनता है, पर कुछ मल्टीबेगर से लाइफ बन जाती है।


90% प्रयास व्यर्थ ही होने वाले है, ये प्रकृति का नियम है।

इसलिए व्यर्थ होने की निराशा या फल की चिंता किए बिना लगातार कर्म करते रहना चाहिए।


यही जीवन का सार है।

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