क्रिप्टो करेंसी
FTX एक क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज है अमेरिका में, जो डूब गया है और साथ में लोगो के 8000 करोड़ रुपये भी डूब गए है।
किसी भी करेंसी का (सोने के सिक्को का भी) का अपना कोई अंतर्निहित, निहित मूल्य नहीं होता है। करेंसी का एक ही काम होता है कि वह अन्य वस्तुओ की ख़रीद बिक्री को आसान बनाता है। याने करेंसी मात्र एक टोकन है जो आपके पास है तो ये बताती है कि आपने कुछ उत्पाद/सेवा किसी को बेचा है अत आप किसी अन्य से उस टोकन पर लिखी मात्रा के अनुसार उसका उत्पाद/सेवा ख़रीद सकते है। सोने व चाँदी के सिक्के इसके अतिरिक्त पिघला कर अन्य काम में भी लाए जा सकते है अत उन पर लोगो का भरोसा थोड़ा अधिक होता है।
करेंसी का मूल्य कमोडिटी की एक टोकरी के विरुद्ध स्थिर रहना चाहिए नहीं तो अन्य वस्तुओ की ख़रीद बिक्री कठिन हो जाएगी। आपको वेतन में सौ रुपये मिले व आप बाजार पहुँचे तो उनका मूल्य पचास रुपये ही रह जाये तो आप ठगे जाएँगे। करेंसी का मूल्य सरकार द्वारा अधिक नोट छापे जाने से गिरता है अत: सरकारे ध्यान रखती है कि कि पब्लिक का विश्वास बना रहा रहे।
फिर आयी डिजिटल करेंसी। लाने वालो ने कहा कि सरकार का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है अत इसका मूल्य स्थिर रहेगा, क्यूँकि इसकी मात्रा गणितीय सीमा के कारण बढ़ायी ही नहीं जा सकती।
लोगो ने क्या किया? लोगो ने इसे ख़रीदना आरम्भ किया। ख़रीदने के लिए बोली लगानी आरम्भ की। इससे इसका मूल्य बढ़ना आरंभ हो गया। जिन्होंने पहले ख़रीदी थी, उन्होंने बेचकर लाभ कमा लिया। उन्हें लाभ कमाते देख और ऊँची बोली लगी। लाभ और बढ़ गया। याने जिसका मूल्य स्थिर रहना था व जिसे करेंसी होना था, करेंसी याने ख़रीद बिक्री का माध्यम मात्र, वह एक कंपनी के शेयर की भाँति इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट बन गयी।
शेयर का मूल्य कहाँ से आता है? शेयर का मूल्य मिलने वाले डिविडेंड तय करते है। हर व्यक्ति का अलग आकलन होता है इन डिविडेंड का इसलिए हर व्यक्ति शेयर अलग मूल्य पर ख़रीदता है। आपने आज ख़रीदा, किसी अन्य को लगा कि कंपनी अच्छी है डिविडेंड अधिक मिलेगा उसने आप को अधिक मूल्य देकर शेयर ले लिया।
क्रिप्टो करेंसी में कौन सा डिविडेंड मिलने वाला था? ये मात्र तीन पत्ती जैसा जूआ है: “मेरी सौ की चाल” “मेरी दो सौ की चाल”।
स्पष्ट था कि जिस दिन म्यूजिक रुकेगा उस दिन जिसके हाथ में करेंसी होगी वह वर्थलेस डिजिट ऑन ए कंप्यूटर लिए खड़ा रह जाएगा।
क्रिप्टो करेंसी के दाम बढ़ रहे थे इस आशा में कि “जब म्यूजिक रुकेगा उससे पहले ही में बेचकर निकल लूँगा।” या म्यूजिक कभी रुकेगा ही नहीं।
ऐसा नही होता है। हर व्यक्ति इन्वेस्ट करता है इस आशा में कि इन्वेस्टमेंट का मूल्य बढ़ेगा तो उसे बेचकर कोई कमोडिटी/सेवा ख़रीदूँगा। याने बिक्री तो एक दिन आरम्भ होनी ही है। जिस दिन आरम्भ होती है उस दिन जिसके पास इस तरह के “फेक इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट” होते है वे कागज का एक वर्थलेस टुकड़ा लिए खड़े रह जाते है।
हांलेंड के ट्यूलिप मेनिया को चार सौ से अधिक साल हो चुके है। फ़्रांस के मिसिसिपी मेनिया को तीन सौ से अधिक साल हो चुके है। अमेरिका की पोन्ज़ी स्कीम को भी सौ साल होने को हैं। लेकिन क्रिप्टो मेनिया से स्पष्ट है कि चूसने वाले याने धोखा खाने को तैयार लोग इस दुनिया से कभी समाप्त नहीं होंगे। ”मेरा पैसा दुगना हो जाएगा इसमें लगा दूँगा तो” ये लालच मनुष्य के दिमाग़ से कभी समाप्त नहीं होगा। इसलिए धोखा खाते रहेंगे लोग, व प्रोफेश्नल्स उन्हें लूटकर मस्त मालामाल होते रहेंगे। जी यहाँ प्रोफेश्नल्स से मतलब है पेशेवर ठग। मनुष्य के मन में लालच सदैव रहेगा इसलिए प्रोफेशनल ठग भी सदैव रहेंगे।
कहावत है, जहां मूर्ख हैं वहाँ मूर्ख बनानेवाले कभी भूखे नहीं मरेंगे।
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